बिखरती बारिश ना जाने क्यों ये बरसती बूंदे यकसां ही मालूम होती हैं मेरी आंखों से बरसती बारिश के.. ये सुरमई से बादल ना जाने क्यों मोताशबा से है इन धुंधली नज़रों के..