वैसे तो बचपन से अच्छा कुछ नहीं है, लेकिन उससे भी कहीं ज्यादा अच्छा लगता है उन यादों को संजो कर फिर से दोहरा लेना। आज एक दोस्त से बात हुयी वो परेशान थी की छोटे भाई के लिए कोई गिफ्ट लेकर नहीं गई तो भाई नाराज़ है। ये सुन कर वो मोड़ा हुआ डायरी का पन्ना मैंने पढ़ना शुरू किया, तो सोचा की ये पन्ना फिर से लिखा दिया जाये। पापा का बैग