अपनों की ठोकर से मिले दर्द सिसकियों में सुकून पाते है। गैरों का क्या है,आए और चले जाते है,अपने ही तड़पाते है। #हरीशशर्मा #सिसकियां दर्द भरे अल्फाज #YourQuoteAndMine Collaborating with Harish Sharma