बेपनाह मोहब्बत में हम कुर्बान होने लगे। हर जुल्म तुम करो और उसका मुजरिम हम बनने लगे। तेरे लिबास से मोहब्बत की है तेरे एहसास से मोहब्बत की है तुम मेरे पास नहीं फिर भी मैंने तेरी यादों से मोहब्बत की है कभी तूने भी मुझे याद किया होगा मैंने उन लम्हों से मोहब्बत की है