कंस नाम हुआ एक राजा। पाप कर्म था जिसका काजा।। कहना ईश्वर यही बताए। ना माने जो उसे सताए।। नाम देवकी बहना उसकी। कष्ट न पाए देख जिसकी।। वसुदेव से देवकी ब्याही। इच्छित वर था जैसे चाही।। कंस बहन को लेकर जाए। रे मूरख तू किसे बिठाए।। हुई आकाशवाणी सुनकर। सोच रहा था माथा धुनकर।। आठवाँ गर्भ जो बहना का। आया बनके मेरा हन्ता।। सैनिकों से तभी कह डाला। बाँधो या तुम दे दो हाला।। ना वो मारे कहा कंस को। डाल कैद में मिटा अंश दो।। सातों गर्भ उजाड़ा जिसने। सता रखा सन्तों को उसने।। बहुत आठवां खोजा मूरख। कहते जिनको सबके पूरक।। कारा में वो ढूँढे जिसको। कहाँ गया क्या पता किसी को।। नंदगाँव में आए कृष्णा। मन में सबके दर्शन तृष्णा।। जोगी वेष धर शंभु आए। देख रूप प्रभु भी मुस्काए।। बोलो बाँके बिहारी लाल की जय जय जय श्री राधे🙏🌹🙏 ©Bharat Bhushan pathak #कंसनामहुआएकराजा#श्रीकृष्ण_जन्माष्टमी#कृष्णा#कान्हा#चौपाई_छंद