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मैं सुन रही हूं आंखें तेरी धूप में छांव सी आंखें

मैं सुन रही हूं आंखें तेरी 
धूप में छांव सी आंखें
किस्सों की किताब सी आंखें ,
जिद्दी ये उतर आती हैं सीने में 
मुआयना करती हुई 
मेरे मन के हर कोने का ,
ढूंढ निकालती हैं चुन चुन के
शिकवे शिकायतें,  मीठी सी बातें
और कुछ गुजरे हुए पल  ,
रह जाती हूं मैं ठगी सी
इनके सम्मोहन में बंधी ,
निकाल के रख देती हूं
अपने सभी तीर तश्कर ,
जी लेती हूं कुछ सांसों को 
पल भर में जाती हूं संवर, 
बस आंखों ही आंखो की है बात यहां
मैं सुन रही हूं आंखे तेरी ,ये भी भूल कर 
कि इन आंखों पे है मेरा इख्तियार कहां ~सुगंध
 #sugandh_ankahi #hindipoetry #aankhen Yqdidi Yqbaba Your quote bibi Yq hindi
मैं सुन रही हूं आंखें तेरी 
धूप में छांव सी आंखें
किस्सों की किताब सी आंखें ,
जिद्दी ये उतर आती हैं सीने में 
मुआयना करती हुई 
मेरे मन के हर कोने का ,
ढूंढ निकालती हैं चुन चुन के
शिकवे शिकायतें,  मीठी सी बातें
और कुछ गुजरे हुए पल  ,
रह जाती हूं मैं ठगी सी
इनके सम्मोहन में बंधी ,
निकाल के रख देती हूं
अपने सभी तीर तश्कर ,
जी लेती हूं कुछ सांसों को 
पल भर में जाती हूं संवर, 
बस आंखों ही आंखो की है बात यहां
मैं सुन रही हूं आंखे तेरी ,ये भी भूल कर 
कि इन आंखों पे है मेरा इख्तियार कहां ~सुगंध
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