हाँ ! मैं कुछ अजूबे लिखना चाहता हूँ अपने पागल से मन के मनसूबे लिखना चाहता हूँ तेरे हर एक याद को बेवजह मैं लिखना चाहता हूँ चाहे तू पास हो या न हो तुझे बस महसूस कर मैं लिखना चाहता हूँ इस जवानी से बुढ़ापे की तेरी हर बारीकियों को मैं लिखना चाहता हूँ तुम्हारी तिलिस्मी हँसी, अटपटे सवाल मैं लिखना चाहता हूँ तुम्हारी चेहरे की झुर्रियां ,उन लड़खड़ाती जबान को भी मैं लिखना चाहता हूँ तेरी नजरों के तीर, उस पल्लू की छुवन मैं लिखना चाहता हूँ तेरे उस चटखे चश्मे , वो बदन के कफन को भी मैं लिखना चाहता हूँ आदि से लेकर अंत तक बस तुझे लिखना चाहता हूँ । क्या मेरी कलम की स्याही इतना लिख पाएगी...? मेरी भाषा में इतने शब्द होंगे.....? ढूँढूँगा कुछ नए शब्द ... तुझे लिखने की भीख मागूँगा उस स्याही से, ताकि लिख पाऊं एक ऐसी डायरी जिसमे बस तुम कैद हो... और जब मृत्यु भी आये मुझे तो बस उस एक डायरी के सिवा कोई ख्याल न हो मेरे मन में। स्वरचित मेरी कहानी मेरे दिल की जुबानी अनिल मौर्य ©Anil kumar #मेरेदिलकीकहीअनकही #मेरीसोंच#मेरीकलंम#मेरेअल्फाज #nojoto❤ #मेरेविचार #standAlone