जोग लिया सो जोग लिया अब आगे बढ़ता चल पीछे क्या देख रहा है पगले भविष्य में क्यों डूबा है मन। भविष्य की चिंता में भी तू क्या पा लेगा आज जो है भारी रे न कल में जी ने बीते कल में तेरा मनुष्य होना टिका है आज में और इस पल में। बीते पल की सुख में क्यों फंसा है पगले इस पल की कर ले तू रखवाली रे भविष्य की अंधी में अभी क्यों उड़ा जाए इस पल में टिक जा पगले जीवन जिया जाए। ©Vikram Prashant "Tutipanktiyan " इस पल की कर ले रखवाली रे #changetheworld #hindi_poetry #tutipanktiyan #vikram_prashant