मां मुझको अपनी तस्वीर बना ले कुछ इस कदर मुझमें खुद को बस ले... रहती हूँ मैं तेरे दिल में न मां..? जननी कैसे करे संघार खुद के रूप का चाहे लाख कहे ये दुनिया मां मुझको अपनी तस्वीर बना ले... चाह नही है मुझको इस संसारी मृगतृष्णा का गेहनों के रूप में तेरा बस प्यार रहे मां मां मुझको अपनी तस्वीर बना ले... दो परिवारों की धूरी बन सवारूँगी किस्मत अपनो संग मत जाना मुझको तुम भूल बेटी बहन पत्नी मां बन कर दूंगी सबके शिक़वे दूर... मां मुझको अपनी तस्वीर बना ले... हो काबिल लाख चाहे ज़माना, बिन बेटी रहेगा न ठिकाना , आख़िर इंदिरा कल्पना सेना भी तो है मेरा ही रूप तू इस कदर मुझमें दुनिया बसा ले...!! DQ :261 मैंने सुना है जन्म से पहले ही बेटियों को मार दिया जा रहा माँ , क्या आप भी मुझे..........😣 " कन्या ही जीवन का वरदान , इन्हें मार कर " कैसे जिंदा रखोगे अपना स्वाभिमान ......!! वो बेटी है उसे भी मां का दुलार पाने दो