हक़ीक़त में रहो या सपनों में, गैरों में रहो या रहो अपनो में..! बस इतना है तुमसे कहना, कभी अलविदा ना कहना...! हाँ ! मोहब्बत में पड़ता है सहना, सदा दिल में रखना और रहना...! जीत जाएँगे हर जंग हम तुम मेरी बाह थामे रहना...! अगर तुम साथ हो मेरे, बना लूँ हर आफ़त को गहना...! ♥️ Challenge-565 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।