आलोचना में कान खींची जाती है और प्रशंसा में टांग टांग खींचने से इंसान अक्सर लड़खड़ा कर गिर जाता है कान खींचने से भ्रम टूटता है निगाहें मंजिल पर पुनः टिक जाती हैं लड़खड़ाते कदम भी सम्भल जाते हैं...!! #संजीव ©chandan pratap #stay_home_stay_safe