एक बार की बात है दो लकडहारे पेड़ काटने जाते थे एक चार घंटो तक पेड़ काटता और एक आठ घंटों तक लेकिन जो आठ घंटे पेड़ काटता था वो मुस्किल से एक पेड़ काटता और चार घंटे वाला उस से ज्यदा पेड़ काटता एक दिन आठ घंटे वाले ने छुप कर देखा की कसे करता वो इतना ज्याद काम तो क्या देखा की वो चार घंटे पेड़ काटता और चार घंटे अपनी कुल्हाड़ी की धार तेज करता था उसी तरह आप भी आपने दिमाक की धार को बनाने मे ज्यदा टाइम दे ना की रटा मारने पर और दिमाक की धार सोचने से लिखने से होती है c l goswami