कब्र पे सजा हूं मैं गुलाब सा खिला हूं चंद पलों में टूटता बिखरता मैं पल पल मरता हूं काटें नहीं गमगीन मेरे मैं जहर सा खुद में बहा हूं अश्क नहीं निगाहों में मेरे एक आवाज़ है अंतिम पलों में मेरे मैं जीवित हूं मरा नहीं बस कब्र में सोया हूं कोई ہلچل नहीं । #मेरे_जज्बात008 #टूटा_हुआ #एक_कहानी #कामिल_कवि #कब्र_और_मैं #kunu #yqdidi #yqbaba