ज़िंदगी से हर कदम पर शिकायत यही रही है पहले जवाब नहीं मिले थे अब शर्तें बढ़ा ली है माना थी रात गहरी हम फिर भी चल रहे हैं पहले रास्ता नहीं पता था अब गिरकर संभल रहे हैं पहले कुछ नहीं लिखा था अब डायरी बना ली है पहले तजुर्बे कम मिले थे अब शायरी बना ली है... © abhishek trehan लिखना चाहूँ... #लिखनाचाहूँ #collab #yqdidi #yourquoteandmine #inspirethroughwritng #manawoawaratha #zindagikasafar Collaborating with YourQuote Didi