मैं जैसे जिया तेरे इश्क़ में; जिए तू भी वैसे तेरी ये मजबूरी नहीं, हैं फासले अगर चाहतों में तेरी; तो मेरे हिस्से में तेरी ये दूरी सही, मायने रखता है तुझे ही चुनते रहना; नज़दीकियों का क्या काम है, सदा बरसे ऐसी मोहब्बत तुझपर; आकाश ये ही हो तुझे ये ज़रूरी नहीं। ©Akash Kedia #intezar #ishq #zaruri #mayne #mohabbat