तुम्हारे रूप के लावण्यता की किंचित कोई उपमा नहीं नैनो के भाव भंगिमा की किंचित कोई रचना नहीं तुमको समर्पित प्रेम रस हृदय तल की गहराइयों से और कोई अनुपम सी भेंट अब मेरे पास कुछ नहीं #रूप #की #लावण्यता