लवों पे हसीं है आंखों में पानी ऐ औरत तेरी क्या जिन्दगानी तू चुप रहतीं कुछ भी ना कहती तन्हा अकेले हर गम सहती विधाता ने कैसी लिखीं हैं कहानी ऐ औरत तेरी क्या जिन्दगानी गैरों ने ही नहीं अपनो ने भी लुटा तुझसे जुड़ा हर रिश्ता है झूठा सबके सितम तू हंस के सहे बचपन हो या हो जवानी लवों पे हसीं है आंखों में पानी ऐ औरत तेरी क्या जिन्दगानी औरत तेरी कहानी पार्ट 2