Nojoto: Largest Storytelling Platform

दिल दहला नहीं आशिक़ का पैतीस टुकडों में तुमको फेंका

दिल दहला नहीं आशिक़ का
पैतीस टुकडों में तुमको फेंका
बेइंतहा मोहब्बत का नतीजा हैं
दरिंदगी में बदलना मुनासिब था
मोहब्बत सिर्फ़ जिस्म की हवस हैं
बुझ जाने पर कौन यहाँ हैं टिकता
मग़र दो साल से तुम अंजान रही
ख़ामोशी से सहती गई हर एक पीड़ा
अब ख़ुदा से क्या शिकायत करोगी
तेरे बनाएं मोहब्बत ने हमको मार डाला।

©Ramjaane Solanki #श्रद्धा_मर्डर_केस
दिल दहला नहीं आशिक़ का
पैतीस टुकडों में तुमको फेंका
बेइंतहा मोहब्बत का नतीजा हैं
दरिंदगी में बदलना मुनासिब था
मोहब्बत सिर्फ़ जिस्म की हवस हैं
बुझ जाने पर कौन यहाँ हैं टिकता
मग़र दो साल से तुम अंजान रही
ख़ामोशी से सहती गई हर एक पीड़ा
अब ख़ुदा से क्या शिकायत करोगी
तेरे बनाएं मोहब्बत ने हमको मार डाला।

©Ramjaane Solanki #श्रद्धा_मर्डर_केस