मैं अल्फाज़ों को अपने जेहेन से निकाल काग़ज़ पर रख दूँ, पर क्या तुम उसमें जज़्बात ढूँढ़ पाओगे क्या..? मैं मोहब्बत का इज़हार नज़्म के ज़रिये कर दूँ, पर क्या तुम कुबुलनामा पर एक शायरी कर पओगे क्या..? मैं मोहब्बत की बारीकियाँ भी समझा दूँ, पर क्या तुम उस हद में रहकर मोहब्बत कर पाओगे क्या ..? मैं आँखों को पढ़ने का शलिका भी तुम्हें सिखा दूँ..? पर क्या तुम मेरी आँखों में छुपे इश्क़ की आग को देख पाओगे क्या..? मैं तुम्हे मुस्कुराना सिखा दूँ, पर क्या तुम मेरी मुस्कुराहट बरकरार रख पाओगे क्या.? -Yachana Jaiswal #Beauty #yqwriter. #loveforwrites #iloveyou #mywords #nojoto #nojotowrites