क्या सीखा हमने किताबों से क्या कुछ खोया-पाया इनसे क्या यह विचार का विषय नही.. चहुँ ओर अशांति छा रही है ! धरती की तपन बढ़ रही है ! क्या ये विचार का विषय नही.. ये हवा जहर बन रही क्यूँ ! हिमनद भी पिघल रहें हैं क्यूँ ! क्या ये विचार का विषय नही.. भेदभाव बढ़ा इतना क्यूँ ! हम संवेदनहीन हुए क्यूँ ! क्या ये विचार का विषय नहीं.. हम जीवन नरक बना डाले तो सभी किताबें निरर्थक है हम बना सके जीवन सुन्दर तो सभी किताबें सार्थक है #विश्वपुस्तकदिवस #शुभकामनाएं #विचारणीय