#यादों_के_झरोखे से याद आए वो गुज़रे पल, जीवन के हर उस मोड़ पर, तूं साथ खड़ी थी मेरे संग, अब साथ नही तुम मेरे हो, पर याद तुम्हारी आती है, जाने क्यों मुझसे दूर हुई, क्यों निभा न पाई वादों को, जो खाए साथ थे कसमें हम उन कसमों को भी तोड़ा तुम कहीं राह में हम मील जाएं तो एक बार तू फिर से हंस देना, हम जी लेंगे फिर से जीवन, यह सोंच के तुम नही बदली हो.! #अजय57 #बज़्म