तुम्हारे आने की आहटों से "धड़कता" है यह दिल तुम्हारे साँसों की खुशबू से "महकता" है यह दिल तुम्हारी आँखों की गुस्ताख़ी से 'बहकता' यह दिल जो तू छू ले एक बार मुझे फिर पिघलता यह दिल तेरी 'जुदाई' की बातों से भी "तड़पता" है यह दिल तुझे खोने के डर से "सिसकता" है मेरा यह दिल चाहत मेरी बस सिर्फ़ तुम,यहीं 'कहता' है यह दिल "सनम" मेरे, तेरी "बेरूखी" से "टूटता" है यह दिल तुम्हें कुछ होता, साजन तो "लरज़ता" है यह दिल तुम्हें पाने की आस में कृष्ण 'मचलता' है यह दिल ♥️ Challenge-619 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।