जज़्ब हैं उसके किस्से हसीं चाँद से हर अँधेरे उसी शबिस्ताँ मेरे हर सहर रेशम-रेशम कली पे खिला शाद उससे लबों पे गुलिस्ताँ मेरे धूप साए सा मुझपे रहा आशना छाँव आँखों में काजल दबिस्ताँ मेरे वही मेरा दिल जानिब दीवारो दर वो ही पीर और घर का आस्ताँ मेरे उन्हीं आँखों में मेरी खिलती सुबह झुकती पलकों में दिन ये सिमटते मेरे #toyou#morningtillnight#moon#yqlove#yqsearchingfor#yqtogetherness