एक मसीहा था वो, एक किरदार भी, मौत डरा नहीं पाई उसे, और ना हार भी, बार बार गिरा वो, कभी सबके साथ तो कभी तन्हा भी लड़ा वो, कभी अपनों ने भी साथ ना दिया, कभी वक़्त ने भी हाथ ना दिया, बिखरा वो कहीं दफा, और फिर निखरा भी हर मर्तबा, हम क्यूं किसी की ना कामयाबी की ही बस बात करते है, क्यूं उसकी कोशिश को हर दफा नज़र अंदाज़ करते है, कभी सोचा है..... हम बस किसी की एक गलती की वजह से उसको जज़ करना शुरू कर देते है और कभी कभी तो एक गलती की जरूरत भी नहीं पड़ती है, वो तो शक्ल से ही गलत या फलां (etc) लगता है। कभी सोचा है.... तुम भी कहीं ना कहीं,कभी ना कभी ऐसे ही जज़ होते होंगे, फिर खुद को कमरे में बंद करके तन्हाई में रोते होंगे। जब खुद दूसरो के लिए कांटे बोओगे तो फूल कहा से पाओगे, अगर ऐसे ही सबको अपनी छोटी सोच से जज़ करते रहोगे तो अकेले रोते रह जाओगे। कभी दूसरो के लिए कुछ अच्छा सोच के देखो, बिना स्वार्थ के किसी के लिए कुछ अच्छा करके देखो। तन्हा भी ना रहोगे और हीरो भी बन जाओगे, जब दूसरो के लिए थोड़ा जीना सीख जाओगे..... Dadicate to my role model and the legend-BABA SAHAB Dr. Bhimrao Ramji Ambedkar (और हर उस इंसान के लिए जिसके अंदर थोड़ी भी अच्छाई बाकी है.... कोशिश करना अपने अंदर की अच्छाई को ना सिर्फ ज़िंदा रख सको बल्कि दूसरो को भी अच्छाई के लिए जागरूक करते रहो....कोशिश करना किसी के साथ कभी गलत मत करना और ना गलत होने देना) ©Rahul P Chokhare #जय_भीम #जय_भीम_जय_संविधान #Ambedkar_Jayanti