शहर बड़े और बड़ा हैं आकेलापन छोड़ कर आये थे हम गाँव का पिछड़ापन ना मां का हैं प्यार ना पापा की डाट पैसे तो कमा लिए पर खो बैठे अपनापन. ©🖋🖋🖋K.d.sharma 3204 #pardeshi_bete