Nojoto: Largest Storytelling Platform

विचलित हुँ,किंचित नही आसमां सामने आज थोड़ा धूमिल सा

विचलित हुँ,किंचित नही
आसमां सामने आज थोड़ा धूमिल सा हूँ
पर टूटा नही,बस थोड़ा झुका हूँ
हारा नही बस थोड़ा मजबूर हूँ
बहुते वसंत देखा हूँ,
कल फिर बहारो संग भर जाऊंगा।
पिता की प्यारी संतान हूँ।।
 #किंचित #विचलित#misralove#misraword
विचलित हुँ,किंचित नही
आसमां सामने आज थोड़ा धूमिल सा हूँ
पर टूटा नही,बस थोड़ा झुका हूँ
हारा नही बस थोड़ा मजबूर हूँ
बहुते वसंत देखा हूँ,
कल फिर बहारो संग भर जाऊंगा।
पिता की प्यारी संतान हूँ।।
 #किंचित #विचलित#misralove#misraword