ना ही मैं फूल और ना ही मैं कांटा हूं ना ही महकता ना ही चुभाता हूं ना ही समझ में किसी को आता हूं ना ही किसी को समझ मैं पाता हूं कितना मैं अच्छा लगता था तुझको आजा तुझे मैं याद दिलाता हूं समझ ना आया तो फिर से समझाता हूं जो ना समझना तो बाद में आता हूं ©Mohd Asif (Genius) #asifgenius #foolaurkushboo #Rose #phoolaurkante #Kaatein