कड़वाहट रिश्तों की आँखो में आँसू और दिल में बहुत दर्द भर देती है| वो कभी प्यार से अपना कहने वाला नफ़रत से हमें पराया बता गया| भरोसा कभी ना किया पर हक पुरी तरह जताता गया रिश्ता तो निभाना ना आया उसे| बस हम पर इल्जाम लगाता गया और हम गलत है खुद बस सही यही जताता गया| रिश्तों कि समझ थी पर भरोसा कभी ना कर पाए वो हमे समझ कर भी कभी ना समझ पाए| ♥️ Challenge-578 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।