" घंटों तकते हैं हाथों में तस्वीरें लिये तेरी , मेरे तसव्वुर को तेरी कुछ पहचान मिले , गुमनामी के ये इश्क की रवानगी क्या होगी , जो कभी गैरइरादतन कभी सहील पे तुमसे मिले . " --- रबिन्द्र राम " घंटों तकते हैं हाथों में तस्वीरें लिये तेरी , मेरे तसव्वुर को तेरी कुछ पहचान मिले , गुमनामी के ये इश्क की रवानगी क्या होगी , जो कभी गैरइरादतन कभी सहील पे तुमसे मिले . " --- रबिन्द्र राम #तस्वीरें #तसव्वुर #पहचान