स्वर्ग को बचाने के लिए श्रीविष्णु ने पांचवा अवतार वामन मानव रूप में लिया। दैत्यराज बलि ने इंद्र को युद्ध में परास्त कर स्वर्ग पर अपना अधिकार कर लिया। मां अदिति ने दुःखी होकर अपने पुत्र के उद्धार के लिए विष्णु की आराधना की। अदिति को दिए वरदान को पूरा करने के लिए उनके गर्भ से वामन अवतार लिया। विष्णु का वामन ब्रह्मचारी रूप देखकर देवता और ऋषि- मुनि आनंदित हो गए। राजा बलि ने स्वर्ग पर स्थाई अधिकार पाने हेतु अश्वमेघ यज्ञ का आयोजन किया। यज्ञ जान वामन यज्ञ में उपस्थित हुए और यज्ञशाला को प्रकाशमान कर दिया। बलि ने उनका सत्कार कर आसन पर बैठाया और भेंट मांगने का आग्रह किया। बहुत कहने पर वामन ने अपने कदमों के बराबर तीन पग भूमि भेंट में मांग ली। दैत्यराज बलि ने हाथ में जल लेकर तीन पग भूमि देने का जब संकल्प ले लिया। संकल्प पूरा होते ही वामन का आकार बढ़ने लगा और अधिक विराट होने लगा। एक पग में पृथ्वी दूसरे में स्वर्ग और तीसरे पद के हेतु बलि ने मस्तक आगे किया। बलि बोले प्रभु संपत्ति का स्वामी संपत्ति से बड़ा होता है तीसरा पग सिर पर रखें। सब कुछ गवांने के बाद भी बलि को वचन से ना फिरते देख वामन अति प्रसन्न हुए। बलि से प्रसन्न होकर वामन ने उन्हें पाताल का अधिपति घोषित कर राजा बना दिया। देवताओं को दैत्यराज बलि के भय से मुक्ति दिलाई और वामन अवतार सिद्ध किया। #9avatarofvishnu #vamanavatar #krishna #yqbaba #yqdidi #yqquotes #myquote Topic: vaman Avatar Time limit till 10:00pm tonight... No word limit You have to maintain these hashtags Kindly keep the bell icon on to get recent updates...