मन का परिंदा उड़ चला छोड़ गया पीछे ना जाने कितने ख़्वाब यहाँ है वक़्त कब कहाँ किसके लिए रुका है जो वक़्त का हुआ वक़्त बस उसका हुआ है 🌝प्रतियोगिता-180 🌝 👍🏻चित्र प्रतियोगिता - 09👍🏻 ✨✨आज की चित्र प्रतियोगिता के अंतर्गत आपको चित्र को ध्यान में रखते हुए लिखना है I ध्यान रहे कि शब्दों की सीमा इस चित्रपट पर ही जो अंकित हो सके उतनी रहे I ✨✨ 🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें।