#Life के कुछ अनकहे क़िस्से# तब जिंदगी में मेरे एक हसीं मोड़ आया था , जब किस्मत ने मेरी मुझे उससे मिलवाया था। जितनी थी वो,मैं भी तो था उससे उतना ही अनजान। जानता था बस इतना कि ,मन मे था उसके लिए सम्मान। न चाहा था मैंने फिर भी वो जैसे ,कुछ खास हो गयी, मेरे दिल मे होने वाला जैसे, मीठा सा अहसास हो गयी। गुजर रहा था समय, अब बातें भी बढ़ रही थी, देखते ही देखते जैसे कोई ख़ुमारी चढ़ रही थी। मुलाकाते जो बढ़ी तो जैसे, वो मेरी अच्छी दोस्त हो गई, लगा मैं उसके लिये चाय जैसे ,वो मेरे लिये टोस्ट हो गईं। फासला जो था हमारे ,वो तो जैसे तब घटने लगा था। पर्दा जो था संकोच का, वो भी जैसे तब हटने लगा था। लगा तब जैसे उससे मेरी ,पक्की यारी हो गयी थी, लगा जैसे कोई लड़की हमें भी, जान से प्यारी हो गयी थी। ~रवि #बेबाक़#ravipoetry#Life के कुछ अनकहे क़िस्से#keep supporting me#like#comment#follow#if youlike# तब जिंदगी में मेरे एक हसीं मोड़ आया था , जब किस्मत ने मेरी मुझे उससे मिलवाया था। जितनी थी वो,मैं भी तो था उससे उतना ही अनजान। जानता था बस इतना कि ,मन मे था उसके लिए सम्मान। न चाहा था मैंने फिर भी वो जैसे ,कुछ खास हो गयी, मेरे दिल मे होने वाला जैसे, मीठा सा अहसास हो गयी। गुजर रहा था समय, अब बातें भी बढ़ रही थी,