मैं अपने जीवन में केवल वर्तमान को जीता हूँ। जो गुज़र गए बीते लम्हें उनमें केवल रीता हूँ। ज़्यादा चाह नहीं मेरी केवल अपने आबाद रहें! बिछड़े न मीत कभी कोई प्रीत मेरी निर्बाध रहे। सच करपायें हम मेहनत से स्वप्न वही देखा मैंने! मैं कोशिश करने का केवल पंछी एक ग्रहीता हूँ। ♥️ Challenge-767 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।