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गुजरी हुई शाम की तरह अलविदा ना कहना मुझे तन्हा

गुजरी हुई शाम की तरह  अलविदा  ना कहना मुझे 
तन्हा रात की तरह आकर  कर "गले" लगाना मुझे 

तुम बिन अंधेरों सी  है  यह ज़िन्दगी  मेरी  "कृष्णा" 
आफ़ताब बन ज़िन्दगी  को  रौशन तुम किए रहना 

थाम कर हाथ ना छोडऩा बीच राह में हमसफ़र मेरे 
छुटा जो हाथ,  लड़खड़ा  जाऊँगा  मैं हमसफ़र मेरे 

रहनुमा है मेरा तू या  कहूँ "इश्क़" का ख़ुदा तुम्हें मैं 
इबादत करुँगी उम्र भर, मर कर भी चाहूँगी तुम्हें मैं  ♥️ Challenge-565 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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गुजरी हुई शाम की तरह  अलविदा  ना कहना मुझे 
तन्हा रात की तरह आकर  कर "गले" लगाना मुझे 

तुम बिन अंधेरों सी  है  यह ज़िन्दगी  मेरी  "कृष्णा" 
आफ़ताब बन ज़िन्दगी  को  रौशन तुम किए रहना 

थाम कर हाथ ना छोडऩा बीच राह में हमसफ़र मेरे 
छुटा जो हाथ,  लड़खड़ा  जाऊँगा  मैं हमसफ़र मेरे 

रहनुमा है मेरा तू या  कहूँ "इश्क़" का ख़ुदा तुम्हें मैं 
इबादत करुँगी उम्र भर, मर कर भी चाहूँगी तुम्हें मैं  ♥️ Challenge-565 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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krishvj9297

Krish Vj

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