ये माँ तू मेरे लिए क्या है मैं कैसे बताऊ, मेरी खातीर जो तूने रोल निभाये है, उनका मैं शुक्रिया कैसे अदा करू, बच्चपन से लेकर आज तक तूने, न जाने कितने ही कस्ट सहे है मेरे लिये, उनका मैं कैसे कर्ज उतारू, याद आती है जब भी वो बीती बाते, लगता है माँ तू कितनी सरल होकर भी कितनी महान थी, तू एक रूप में न जाने कितने ही अवतार थी, कभी मुझे हँसाने के लिये तू बन जाती कोई खिलौना , कभी पूरी रात तू जाग कर बिताया करती थी, जो मुझे थोड़ी भी सर्दी जुकाम होती थी, तू कितना परेशान हो जाती थी, माँ तुम मेरे लिये बहुत ही महान थी, माँ तुम्हारे बारे में यु तो बाते करना इतना आसान नहीं है, हो जाए तेरा जिक्र दो अल्फाजो में मेरे पास ऐसे कोई लफ्ज नहीं है, पर माँ तुम मेरे जीवन का सहारा है और ख्वाहिश भी, सच कहु तो तुम मेरे हर पंक्ति का सार हो तुम ही, मेरी हसी की वजह मेरी मुस्कराहट का राज भी तुम, माँ मैं तेरे बिन कुछ नहीं हर पल बस तुझे ही पाऊं, मैं तेरी अनकही बाते को मैं इन पन्नो पे हर पल उतारू , ये माँ तू मेरे लिए क्या है मैं कैसे बताऊ… !! ©Saroj Bala (Nitu Mehta) #mother #poemformom #loveformother #welove