तेरे मेरे प्यार की पहचान हैं चूड़ियां हर इक गोरी की कलाई की शान हैं चूड़ियां, हर रंग में रंगी एक सुहागन की पहचान हैं चूड़ियां लाल, हरी, नीली पीली, धानी और बसंती हर रंग में जचती हैं हर रूप पे सजती है इनकी ना कोई जात हर मजहब की कलाई पर सजती हैं चूड़ियां सुधा राज