मिलने को मिले तख्त ओ ताज , फिर कसक पल पल चुभती है। श्याम में है राधे राधे में श्याम रमा , मगर टीस जुदाई की उठती है। सजदे में चाहे झुकती है सारी खुदाई उसके सुबह ओ शाम, फिर भी उसकी दुनियां तो राधे से शुरू कर राधे पर ही आ सिमटती है प्रीत ये अति बाबरी दे आंखों में आसूं ऋतु बांसती संजोती है, गर हो भी जो कोसो की दूरीयां तब भी रूह से रूह तो पल पल मिलती है। #nojotohindi #nojotoshayri #nojotoashq #nojotolove #nojotomajburiyan #nojotoshikayat #nojotoall #nojotoclub #radhayshyam #ruh