वादे किये ना खाई कसमे फिर भी रसमे निभा रहा हूँ में कभी गुनगुनाया गीत नहीं भरी महफ़िल में गा रहा हूँ मैं पास आए तुम मिट गईं दूरियां नजदीक था करीब आ रहा हूँ मैं सपना या सच होता नहीं यक़ीन खोकर फिर तुम्हें पा रहा हूँ मैं चुमू लब तेरे बिजली सी चमके क्या कहूँ कितने झटके खा रहा हूँ मैं ख़ुश हूँ मैं बाहों में तुझे भर कर साथ तेरे बिस्तर बिछा रहा हूँ मैं ओढ़ लूँ ज़िस्म तेरा ठंड बड़ी है आगोश में तेरी राहत पा रहा हूँ मैं ©Deep Bawara #nojato #nojohindi #erotica #eroticapoetry #eroticashayri #yqdidi #yqbaba #तन्हा_रातें