।।।।।हकीकत ।।।। क्या मुनासिब कब किसने जाना है तय इतना जो आया उसे जाना है शिकायत प्यार का कोई मौसम नही हर दरवाजे पर इनका ठिकाना है मेरे गाँव मे आम के बडे सारे बगीचे थे ताकता ना था मै,शहरो मे खरीद कर पड़ा खाना है खैरियत समचार रिवाज है पूछना मजबूरी तो ठीक बताना है मजबूरी गरज ये सब बडा घिनौना खीचने वाले क्या जाने ये तेर आखिरी बिछौना है जहा तक मेरा तजुर्बा था मैने बयाँ कर दिया आपके पास और हो तो मुझे भी बताना है😶 #nojoto#shayari#poet#sher#gazal#life#emotion#reality#realquotes#thinking#yourquotes#nojotopoet#nojotomember#rekhta#2liner#kahani#stories#lifequotes#poetry#openmic#gurugram#kalam#vichar#sadshayri#life#situation#era#shubham#satyam..