क्यों मैं जुदा जुदा लगूँ वफ़ा करके बेवफ़ा लगूँ किसी से राब्ता नहीं अब किससे फिर खफ़ा लगूँ आँखों में समंदर लिए बस आपको सहरा लगूँ जो तरस है मेरे हाल पर तो आप ही कहिए कैसा लगूँ इतने रहम दिल मत बनिए की जमाने को आश्ना लगूँ #yqbaba#yqdidi#आश्ना#सहरा#जुदा