ज़रा मन की आँखे खोलो राधे! हूँ मैं हृदय की गहराइयों में कही राधे! कब से इस भवसागर में फंसे हुए हैं सिर्फ आपकी ही राह तकते है। अब तो दर्शन दो कान्हा और इस भवसागर से हमें तारण करो। आंखें तरस गई हैं आपके दर्शन को, अब तो आ जाओ कान्हा🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 राधे राधे🙏🏻🤞🏻🙏🏻 जय श्री कृष्णा🙏🏻🤞🏻🙏🏻 #कान्हा #तरस