बात लबो तक आ पोहंची है पर में खामोश हूं जिंदगी है तेरे बिना भी पर ज़माने के लिए में मदहोश हूं तेरे लिए तो कुछ था ही नहीं मेरा वजूद अब अपनो के लिए भी में एक अफसोस हूं बात लबों तक आ पोहंची है पर में खामोश हूं। ज़िन्दगी हमने खुद को जिया है ज़हर पता था दे रहे हो हमने खुशी से पिया है आपको लगता है ना अरमान कितना सर बदोश हूं बात लबों तक आ पोहंची है पर में खामोश हूं। 😊👈🅰️रमान क्या कीजिए, कितना छुपाइए! दर्द छलक जाता है... #दर्दछलकजाताहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #suhail_khan #ankahe_alfaaz_malik #dard