निगाहें रखता जो चांद पर अपनी, वो भला हार कैसे मान सकता है, जी रहा था जो अपनी मां के जाने के बाद भी, वो खुशियों के शिखर पर दम कैसे तोड़ सकता है, जीता था जो आज में पर प्लान सालों साल के बनाता, आसमां छूने की चाह को हकीकत बनाने में जो जुटता, वो भला कैसे खुद की जान यूं ले सकता है, दर्द समझता जो बेजूबां के और, मासूम चेहरे पर मुस्कान लाता, बड़ा सितारा होकर भी जो पांव अपने जमीं पर टिकाता, बसती थी किताबों में दुनिया जिसकी, और हर रहस्य से पर्दा हटाने को जो बेताब रहता, अपनों के लिए जीने वाला वो राजपूत कैसे , अपनी जान ले लेता, हुआ है वो जो गंदी नीयत का शिकार, उसे कोई क्यूं नही समझ रहा, क्यूं उसके कातिलों को छिपाया जा रहा sunshine #warriorforssr #sushantsingrajput #herooflife #ssrians #Reality #justiceforsushant #CBIenquiryForSushantSinghRajput #cbiforsushant