मोहब्बत में आह-ओ-फ़ुग़ाँ होगा, मज़े पैहम को तरस जायोगे, शिकवा-ए-बुतां से शिकायत और मोहब्बत ना जाने फिर भी क्यों बढ़ते ही जा रहे हैं। #amरोज़ी_संबरीया कृपया अनुशीर्षक पूर्ण पढ़ें। √आज का विषय है ' शिकायत ' । √ आज के हमारे ' मंच प्रमुख ' है Chhaya Wangde जी। √ आपको अपनी रचना दो पंक्तियों में लिखनी है।