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एक बार जरूर पढ़े..... [Written by:--Amit Kumar Jha

एक बार जरूर पढ़े.....
[Written by:--Amit Kumar Jha]
................... [{(《अपने बेगाने》)}]...................

हम मिट्टी के बने मुरत है मिट्टी मे ही समा जायेंगे
चले जायेंगे जब दुनिआ से दूर तो सब को याद आयेंगे
अभी वक्त तुम्हारा है जितना चाहे  सता लो हमे
छोड़ जायेंगे बस पैरों के निशां लौट के ना आयेंगे

आज वक्त तुम्हारा है कल वक्त मेरा होगा
न घबरा अंधेरो से कभी तो सवेरा होगा
चला जाऊँगा मैं ख्वाहिसों के शहर मे
जहां ठहर गया बस वही बसेरा होगा

अभी चुभ रहा हूँ सबकी आँखों में मैं
वक्त आने पर वही लोग आँखों में बसायेंगे मुझे
गिरगिट की तरह बदल लेते है लोग रंग यहाँ
हर एक पल में दिखता है कोई चेहरा नया

कोई नहीं यहाँ अपने ना कोई बेगाने
झूठे दिलासे है सब झूठे सारे फसाने
संभल कर रहना यहाँ ऐ मेरे दोस्त
बदल जाते है यहाँ रातों रात कई ठिकाने

[अमित कुमार झा, जमुआ, ढ़ाका, पूर्वी चम्पारण]
एक बार जरूर पढ़े.....
[Written by:--Amit Kumar Jha]
................... [{(《अपने बेगाने》)}]...................

हम मिट्टी के बने मुरत है मिट्टी मे ही समा जायेंगे
चले जायेंगे जब दुनिआ से दूर तो सब को याद आयेंगे
अभी वक्त तुम्हारा है जितना चाहे  सता लो हमे
छोड़ जायेंगे बस पैरों के निशां लौट के ना आयेंगे

आज वक्त तुम्हारा है कल वक्त मेरा होगा
न घबरा अंधेरो से कभी तो सवेरा होगा
चला जाऊँगा मैं ख्वाहिसों के शहर मे
जहां ठहर गया बस वही बसेरा होगा

अभी चुभ रहा हूँ सबकी आँखों में मैं
वक्त आने पर वही लोग आँखों में बसायेंगे मुझे
गिरगिट की तरह बदल लेते है लोग रंग यहाँ
हर एक पल में दिखता है कोई चेहरा नया

कोई नहीं यहाँ अपने ना कोई बेगाने
झूठे दिलासे है सब झूठे सारे फसाने
संभल कर रहना यहाँ ऐ मेरे दोस्त
बदल जाते है यहाँ रातों रात कई ठिकाने

[अमित कुमार झा, जमुआ, ढ़ाका, पूर्वी चम्पारण]