तन्हा बसर हैं जो यादों का मंज़र कोई गम नहीं किसी के करीब ना होने का हम सफर हैं, मुसाफिर की तरह एक दिन यू ही गुज़र जाएंगे, कारवाँ की तरह ©Prashant Ban #writeryoulove #musafir #loveasiam #allalone