एक बार और उलझना है तुमसे टूटे हुए मोतियों को इक धागे में पिरोना है फ़िर से, उलझे हुए रिश्तों को सुलझाना है फ़िर से, नहीं चाहता ख़ुद को या तुम्हें तकलीफ़ देना फ़िर से, फ़िर भी एक बार और उलझना है तुमसे ताकि सुकून से जी सकें हम फ़िर से..! #ekbar फिर से #उलझना #सुलझाना #रिश्ते