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सफ़र ए जिंद में अब नहीं बाकी कोई ठिकाना है, अब तो

सफ़र ए जिंद में अब 
नहीं बाकी कोई ठिकाना है,
अब तो समझ भी नहीं आता 
आख़िर अब कहां जाना है,,
ख़्वाब होते गए मुकम्मल 
ये दिन ब दिन जो,
नींद हो गई है ख़ाली 
जैसे कि खाली पैमाना है,,
पहुंचा हूं उसके इर्द गिर्द
 मैं बस चला जहां से था,
मंजिलें उम्र भर नही रहती
 मंजिलें छू कर ये जाना है,,
लब खोलता नहीं अब
 वक्त के अल्फाज सुनता हूं,
नई मुश्किलों में घिरा, 
आज फिर एक शख्स पुराना है,,
गुफ्तगू जो करूं भी 
तो किससे करू बता,
कहीं खामोश जिंदगी है,
कहीं मतलबी जमाना है,,
सफ़र ए जिंद में अब
नहीं बाकी कोई ठिकाना है,
अब तो समझ भी नहीं आता 
आखिर अब कहां जाना है,,

©चंद #maskoflife #life #चंद #चंदशेर #chandsher
सफ़र ए जिंद में अब 
नहीं बाकी कोई ठिकाना है,
अब तो समझ भी नहीं आता 
आख़िर अब कहां जाना है,,
ख़्वाब होते गए मुकम्मल 
ये दिन ब दिन जो,
नींद हो गई है ख़ाली 
जैसे कि खाली पैमाना है,,
पहुंचा हूं उसके इर्द गिर्द
 मैं बस चला जहां से था,
मंजिलें उम्र भर नही रहती
 मंजिलें छू कर ये जाना है,,
लब खोलता नहीं अब
 वक्त के अल्फाज सुनता हूं,
नई मुश्किलों में घिरा, 
आज फिर एक शख्स पुराना है,,
गुफ्तगू जो करूं भी 
तो किससे करू बता,
कहीं खामोश जिंदगी है,
कहीं मतलबी जमाना है,,
सफ़र ए जिंद में अब
नहीं बाकी कोई ठिकाना है,
अब तो समझ भी नहीं आता 
आखिर अब कहां जाना है,,

©चंद #maskoflife #life #चंद #चंदशेर #chandsher
anupamsinghameth9788

चंद

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