जन्नत ,सुकूँ ,सोहबत सब साथ मेरे जब तुम्हारे लब मेरा नाम पुकारे इक रात भी ना गुज़रे बिन सुनहरे ख्वाबों के गर तुम्हारे बांहों में मेरी रात सोए कितना मदहोश हूँ खबर नहीं तुम्हें इक नाम पे तुम्हारे सैकड़ों शेर महफ़िल में कहे बाजारों में चहल पहल है इश्क_ए_आशियानों की सुनो न जानी क्यूँ न हम भी अब ठहर इक पनाह करें दौलत , रुतबा की कोई प्यास नहीं तुम्हारा चेहरा सारी चाहत को पूरा करें जन्नत ,सुकूँ ,सोहबत सब साथ मेरे जब तुम्हारे लब मेरा नाम पुकारे । #dedicatedtosomeone #midnightpoems #kamil_kavi #yqbaba #komu #yqdidi #kunalpoetry #lovequotes