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पहुंच कर फिर से अपने गांव,मानो ऐसा लगा आज फिर से व

पहुंच कर फिर से अपने गांव,मानो ऐसा लगा
आज फिर से वो शाम आई है।

बस दो पल मे ही याद दिला गई व बचपन की सारी यादें,
वो गिल्ली डंडे, पकड़म पकड़ाई, और वो सावन की बरसाते,
मानो ऐसा लगा आज फिर से वो शाम आई है।

वो स्कूल से आते ही झटपट तैयार होकर खेलने को जाना,
मां के चिल्लाने पर भी खाना न खाना ,
दोस्तो से मिलकर दिनभर की बातें बताना,
मौका मिलते ही आम चुराकर भागना,
सारे वो पल सारी वो यादें आज फिर से जहन में आई है,
मानो ऐसा लगा आज फिर से वो शाम आई है ।

वो नदियों की रेत, वह धान की खेत,
वो गेहूं की बाली, वो शाम की लाली,
देख कर फिर से आज चेहरे पर खुशी जो आई  है ,
मानो ऐसा लगा आज फिर से वो शाम आई है।।
     



 #yqbaba #meragaon  #yqdidi
पहुंच कर फिर से अपने गांव,मानो ऐसा लगा
आज फिर से वो शाम आई है।

बस दो पल मे ही याद दिला गई व बचपन की सारी यादें,
वो गिल्ली डंडे, पकड़म पकड़ाई, और वो सावन की बरसाते,
मानो ऐसा लगा आज फिर से वो शाम आई है।

वो स्कूल से आते ही झटपट तैयार होकर खेलने को जाना,
मां के चिल्लाने पर भी खाना न खाना ,
दोस्तो से मिलकर दिनभर की बातें बताना,
मौका मिलते ही आम चुराकर भागना,
सारे वो पल सारी वो यादें आज फिर से जहन में आई है,
मानो ऐसा लगा आज फिर से वो शाम आई है ।

वो नदियों की रेत, वह धान की खेत,
वो गेहूं की बाली, वो शाम की लाली,
देख कर फिर से आज चेहरे पर खुशी जो आई  है ,
मानो ऐसा लगा आज फिर से वो शाम आई है।।
     



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